सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट के उस विवादास्पद फैसले को रद्द कर दिया जिसमें किशोरियों को 'यौन इच्छाओं को नियंत्रित करने' की सलाह दी गई थी। शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे को संवेदनशील मामलों में सही दिशा-निर्देशों के साथ देखने की आवश्यकता जताई।
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