अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं तो क्वांट म्युटुअल फ़ंड एक समझदार विकल्प हो सकता है। यह फ़ंड छोटे‑छोटे पैसे को इकठ्ठा करके शेयर, बॉन्ड या अन्य सिक्योरिटीज़ में लगाता है और आपके लिए प्रोफेशनल मैनेजमेंट का काम करता है। मतलब आपको खुद स्टॉक्स चुनने की झंझट नहीं, बस कुछ पैसा डालिए और फ़ंड टीम आपकी ओर से काम करेगी।
फंड मैनेजर बाजार के डेटा को एलगोरिदम‑आधारित मॉडल से एनालिसिस करता है। ये मॉडल ट्रेंड, वॉल्यूम और कंपनी की बुनियादी स्थिति देख कर निवेश तय करते हैं। इसलिए क्वांट फ़ंड अक्सर कम समय में बेहतर रिटर्न देने की कोशिश करती है, पर साथ ही मार्केट का जोखिम भी रहता है।
फायदे देखें तो:
पहले एक भरोसेमंद एसेट मैनेजमेंट कंपनी चुनिए जो क्वांट फ़ंड ऑफ़र करे। फिर KYC पूरा करके ऑनलाइन या शाखा से अकाउंट खोलें। शुरुआती निवेश 5000 ₹ तक हो सकता है, पर नियमित SIP (Systematic Investment Plan) बेहतर परिणाम देता है क्योंकि लागत औसत होती है।
फ़ंड चुनते समय ये बातों को देखिए:
एक बार निवेश कर दें तो हर महीने या तिमाही में पोर्टफ़ोलियो की समीक्षा करना न भूलें। अगर मार्केट में बड़ी गिरावट आती है तो अतिरिक्त पैसा जोड़ना अच्छा रहता है, क्योंकि आप कम कीमत पर ज्यादा यूनिट्स ले पाएंगे।
आज के समय में क्वांट फ़ंड कई प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं – कुछ मोबाइल ऐप्स से सीधे SIP सेट कर सकते हैं, जबकि कुछ वेबसाइट से विस्तृत रिपोर्ट डाउनलोड कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि आपका एंटी‑वायरस और इंटरनेट कनेक्शन सुरक्षित हो, ताकि डेटा लीक न हो।
संक्षेप में, क्वांट म्यूचुअल फंड छोटा निवेशकों के लिए एक आसान रास्ता है जो प्रोफेशनल मैनेजमेंट और डाइवर्सिफिकेशन दोनों चाहता है। सही फ़ंड चुनें, नियमित रूप से निवेश करें और समय‑समय पर पोर्टफ़ोलियो रीव्यू करके अपने पैसे को बढ़ते देखें।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने क्वांट म्यूचुअल फंड, जिसका स्वामित्व संदीप टंडन के पास है, पर फ्रंट-रनिंग गतिविधियों के संदेह में तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की। यह कार्रवाइयां मुंबई मुख्यालय और हैदराबाद में एक संदिग्ध लाभकारी स्वामित्व पते पर की गईं।
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