शादी के बाद सबसे पहला काम अक्सर यही लगता है – शादी का प्रमाणपत्र बनवाना। यह दस्तावेज़ सिर्फ कानूनी आवश्यकता नहीं, बल्कि बैंक खाते, पासपोर्ट, वीज़ा और कई सरकारी सेवाओं के लिए भी अनिवार्य है। तो चलिए, बिना झंझट के इस प्रक्रिया को एक-एक कदम में समझते हैं।
भारत में दो मुख्य प्रकार के शादी प्रमाणपत्र होते हैं: नागरिक विवाह प्रमाणपत्र और धार्मिक विवाह प्रमाणपत्र. नागरिक प्रमाणपत्र राष्ट्रीय स्तर पर मान्य होता है और इसे स्थानीय नगरपालिका या जिले की मंडलात् (तहसील) में बनवाया जाता है। धार्मिक प्रमाणपत्र अक्सर स्थानीय मंदिर, मस्जिद या गिरजाघर द्वारा जारी किया जाता है, लेकिन कानूनी तौर पर यह अकेले पर्याप्त नहीं होता। इसलिए, यदि आप शादी के बाद सरकारी या बैंक कार्य करना चाहते हैं, तो सबसे पहले नागरिक प्रमाणपत्र बनवाएँ।
1. **फ़ॉर्म भरें** – अपनी नजदीकी नगरपालिका या तहसील कार्यालय में ‘नव-न्यायिक विवाह फ़ॉर्म’ (Form 25) मिल जाएगा। इसे ऑनलाइन भी डाउनलोड कर सकते हैं। 2. **दस्तावेज़ तैयार रखें** – दोनों पति‑पत्नी के आधार कार्ड (Aadhaar), पहचान पत्र (पैन, ड्राइविंग लाइसेंस), पता प्रमाण (बिल, रेंट एग्रीमेंट), जन्म प्रमाणपत्र, और दो गवाहों के पहचान प्रमाण। यदि कोई अलग धर्म या समुदाय से है, तो संबंधित प्रमाणपत्र भी जोड़ें। 3. **जुड़ाव की फीस भरें** – अधिकांश राज्यों में शुल्क 200‑500 रुपये के बीच होता है। रसीद संभाल कर रखें, बाद में काम आएगी। 4. **स्थानीय अधिकारी से मिलें** – आपका फ़ॉर्म और दस्तावेज़ जमा करने पर, अधिकारी दोनों पक्षों के साथ एक छोटी सी प्रमाणिकता (साख) करेंगे। 5. **प्रमाणपत्र प्रिंट आउट** – सभी जांचें पूरी होने के बाद, आप कुछ ही दिनों में अपना विवाह प्रमाणपत्र प्रिंट आउट ले सकते हैं। कई जगह अब डिजिटल कॉपी भी उपलब्ध कराते हैं, जिसे आप ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
**कुछ तेज़ टिप्स:**
जब आपका प्रमाणपत्र तैयार हो जाए, तो इसे कई जगहों पर उपयोग कर सकते हैं – जैसे पासपोर्ट के लिए, बैंक में खाता खोलने के लिए, या घर के नाम पर रजिस्ट्री करने के लिए। इस दस्तावेज़ की कॉपी को सुरक्षित जगह पर रखिए और डिजिटल रूप में भी बैकअप रखिए। अगर कोई मुद्दा आए, तो स्थानीय तहसील या नगर पालिका के हेल्पलाइन पर कॉल करके मदद ले सकते हैं।
समझदारी से कदम उठाएँ, और शादी का प्रमाणपत्र बनवाने की झंझट को खत्म करें। अब आप बिना किसी अड़चन के अपने नया जीवन का आनंद ले सकते हैं!
शादी के बाद EPF खाते में सरनेम बदलना अब आसान है। UAN पोर्टल पर ऑनलाइन रिक्वेस्ट डालें, employer की मंजूरी जरूरी है, और नाम Aadhaar से बिल्कुल मैच होना चाहिए। जॉइंट डिक्लेरेशन के साथ ऑफलाइन तरीका भी मौजूद है। Aadhaar-validated UAN (1 अक्टूबर 2017 के बाद) पर प्रक्रिया और तेज हुई है। आमतौर पर अपडेट 7–30 दिनों में हो जाता है।
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