मोनसून सत्र, भारतीय संसद का वह समय जब मानसून से जुड़ी विधायिकाएँ, बजट और नीति‑निर्धारण पर बहस होती है. Also known as मौसम सत्र में देश के जलवायु‑संबंधी मुद्दे सीधे कानून बनते हैं। इस सत्र में मौसम विभाग की चेतावनियाँ, इन्फ्लूएंज़ा‑से‑लगते बुरे जल‑संकट, और किसानों की फसल‑सुरक्षा पर तेज़ी से चर्चा होती है। यानी मोनसून सत्र सिर्फ एक कैलेंडर एंट्री नहीं, बल्कि एक ऐसा मंच है जहाँ जल‑नीति, बाढ़‑प्रबंधन और आर्थिक बजट एक साथ जुड़ते हैं। अगर आप जानना चाहते हैं कि अगली बार बरसात में कौन सी आर्थिक योजना लागू होगी, तो यही जगह है जहाँ से सभी महत्वपूर्ण संकेत मिलेंगे।
कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर की तत्काल राज्यत्व बहाली की मांग को तेज़ किया है। रजत सवाब महंगाई के खिलाफ लड़ते हुए मोनसून सत्र में बिल पेश करने को कहा। खड़गे और राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखित अनुरोध भेजा, जबकि ओमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर देरी का आरोप लगाया। यह मांग 370 के हटने के छः साल बाद फिर से उठी है।
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