आप रोज़ी‑रोटी, किराने या ऑनलाइन शॉपिंग करते समय नोटों और डिजिटल पैसे का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इन सबके पीछे जो बड़े फैसले होते हैं, वो अक्सर खबरों में छुपे रहते हैं। इस पेज पर हम राष्टरिय मुद्राओं से जुड़ी सबसे नई ख़बरें, RBI के कदम और विदेशी मुद्रा की हलचल को आसान भाषा में लाते हैं। पढ़ते‑जाते आप समझ पाएँगे कि आपके जेब में पैसा कैसे बचा या बढ़ाया जा सकता है।
रिज़र्व बैंकोफ इंडिया (RBI) हर महीने नई नीतियाँ जारी करता है – जैसे नोटों का डिजिटलीकरण, डिमिन्यूशन या नया सिक्का लॉन्च करना। 2024‑25 में RBI ने 500 रुपये के नोट को धीरे‑धीरे कम करने की योजना बताई थी ताकि नकदी धंधे पर पकड़ घटे। इस कदम से बड़े व्यापारियों को डिजिटल भुगतान अपनाने का प्रोत्साहन मिला और छोटे व्यापारी भी आसानी से लेन‑देन कर सके।
डिजिटल रुपये (Digital Rupee) भी धीरे‑धीरे आम लोगों तक पहुँच रहा है। अब आप अपने फोन में सीधे RBI के प्लेटफ़ॉर्म से पैसे भेज सकते हैं, बिना किसी बैंक ऐप की जरूरत के। सरकार ने इस सुविधा को ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार करने का लक्ष्य रखा है, जिससे दूर‑दराज़ गाँवों में भी तेज़ लेन‑देण संभव हो सके।
डॉलर‑रुपया, यूरो‑रुपया और येन‑रुपया जैसे एक्सचेंज रेट रोज़ बदलते हैं। पिछले महीने में डॉलर ने 82.70 के स्तर पर पहुँच कर रिकॉर्ड बनाया था, फिर RBI के बाजार हस्तक्षेप से यह दर थोड़ी नीचे आई। यदि आप विदेश यात्रा या आयात‑निर्यात करते हैं तो इन बदलावों को समझना आपके खर्चे बचा सकता है।
यूरो की कीमत भी हाल ही में 90 रुपए के पास रही, जबकि येन का रेट स्थिर रहा। इस असंतुलन के पीछे वैश्विक महंगाई, तेल की कीमत और अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीति प्रमुख कारण हैं। वित्तीय पोर्टल्स अक्सर इन संकेतकों को ट्रैक करते हैं; आप भी दैनिक समाचार में इन्हें देख सकते हैं और अपने निवेश या बचत योजना को समायोजित कर सकते हैं।
यदि आप विदेशी मुद्रा में निवेश करना चाहते हैं, तो सिंगल‑डिजिट रेट पर नहीं, बल्कि दीर्घकालिक प्रवृत्ति पर ध्यान दें। कई विशेषज्ञ कहते हैं कि 2025 तक डॉलर‑रुपया 85‑90 के बीच स्थिर रह सकता है, बशर्ते भारत की आर्थिक वृद्धि और निर्यात में सुधार जारी रहे।
संक्षेप में, राष्टरिय मुद्राओं से जुड़ी खबरें सिर्फ वित्तीय विशेषज्ञों के लिए नहीं हैं। हर नागरिक को यह जानना चाहिए कि नोटों का डिमिन्यूशन, डिजिटल रुपये या विदेशी मुद्रा दरें उनके रोज़मर्रा की जिंदगी पर कैसे असर डालती हैं। इस पेज को नियमित रूप से पढ़ें, ताकि आप सूचित निर्णय ले सकें और अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन कर सकें।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि भुगतान और लॉजिस्टिक्स जैसी चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। द्विपक्षीय व्यापार 66 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिसे 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक लाने का लक्ष्य है। राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार निपटान की आवश्यकता पर जोर दिया गया और विशेष रूपे वोस्त्रो खातों की प्रभावशीलता को रेखांकित किया गया।
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