अगर आप कॉलेज या कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं तो सीट अलॉटमेंट आपके लिए सबसे बड़ा कदम है। यह वह प्रक्रिया है जिसमें आपका रोल नंबर, मार्क्स और पसंदीदा विकल्पों के आधार पर आपको एक निश्चित संस्थान की जगह दी जाती है। अक्सर छात्रों को इस चरण में भ्रम या तनाव महसूस होता है, इसलिए सही जानकारी रखना फायदेमंद रहता है।
सेट अलॉटमेंट दो मुख्य हिस्सों में बाँटा जाता है – प्राथमिक (पहली पसंद) और द्वितीयक (दूसरी-तीसरी पसंद)। अधिकांश संस्थान पहले पसंद को पूरा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर आपके स्कोर से नहीं हो पाया तो दूसरे विकल्प पर भी मौका मिलता है।
हर परीक्षा का अपना टाइम टेबल होता है। JEE मुख्य और एडवांस्ड के परिणाम आमतौर पर मई में आते हैं, फिर जुलाई‑अगस्त में सीट अलॉटमेंट शुरू होती है। NEET के लिए भी यही क्रम है – मार्च में रिज़ल्ट और फिर जून‑जुलाई में अलॉटमेंट। इन डेट्स को नोट कर लें ताकि आप समय पर पोर्टल खोल सकें।
ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन करके आप अपना रोल नंबर डालते हैं, फिर अपनी पसंदीदा कॉलेजों की सूची बनाते हैं। कुछ पोर्टल में आप एक ही बार कई विकल्प जोड़ सकते हैं, जबकि कुछ में क्रमशः चुनना पड़ता है। इस दौरान आपका स्कोर और कटऑफ़ दोनों देखे जाते हैं; अगर आपका स्कोर कटऑफ़ से नीचे है तो पहली पसंद शायद नहीं मिलेगी।
जब आपको सीट मिल जाए, तो पोर्टल पर ‘कन्फर्म’ बटन दबाएँ और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें। आमतौर पर 10‑15 दिन में आपका कागज़ात प्रोसेस हो जाता है। अगर आप असंतुष्ट हैं या कोई गलती पाते हैं, तो री-सूटिंग का विकल्प भी मिलता है – लेकिन यह सीमित समय के लिए ही उपलब्ध होता है।
दस्तावेज़ों में आपके पिछले शैक्षणिक प्रमाणपत्र, पहचान पत्र और फोटो शामिल होते हैं। इन्हें साफ‑सुथरे स्कैन करके अपलोड करें; वर्जित फॉर्मेट या धुंधली इमेज से आपका प्रोसेसिंग टाइम बढ़ सकता है।
एक बार कन्फर्म हो जाने पर आपको कॉलेज द्वारा एडमिशन फ़ीस का भुगतान करना होता है। अधिकांश संस्थान ऑनलाइन पेमेंट विकल्प देते हैं, लेकिन कुछ में बैंक ट्रांसफर भी स्वीकार्य है। ध्यान रखें कि समय सीमा के बाद फीस न देने से आपका सीट कैंसल हो सकता है।
यदि आप कई कॉलेजों की लिस्ट बना रहे हैं तो एक एक्सेल शीट बनाकर सभी आवश्यक तिथियों और दस्तावेज़ों को ट्रैक कर सकते हैं। यह आपको भूलने‑भूलाने से बचाएगा और हर चरण पर तैयार रखेगा।
अंत में, हमेशा आधिकारिक पोर्टल या विश्वसनीय समाचार स्रोतों से अपडेट चेक करें। सोशल मीडिया या अनजान साइट्स पर मिलने वाली झूठी जानकारी आपका समय बर्बाद कर सकती है। भरोसेमंद वेबसाइट जैसे ganeshjikiaarti.in पर आप सही और ताज़ा खबरें पा सकते हैं।
सारांश में, सीट अलॉटमेंट एक स्पष्ट योजना और सही टाइम मैनेजमेंट से आसान हो जाता है। अपनी पसंदीदा कॉलेजों की सूची बनाएं, कटऑफ़ को समझें, दस्तावेज़ तैयार रखें और समय पर पोर्टल खोलें। ये कदम अपनाने से आप बिना तनाव के अपना भविष्य तय कर सकते हैं।
KEA ने KCET 2025 काउंसलिंग शुरू कर दी है और ऑप्शन एंट्री लिंक एक्टिव है। Round 2 का मॉक सीट अलॉटमेंट 29 अगस्त 2025 तक जारी है। Round 1 में ऑप्शन एंट्री 18 जुलाई तक और रियल अलॉटमेंट 28 जुलाई को हुआ। सितंबर की शुरुआत में Round 2 का फाइनल अलॉटमेंट आएगा, जबकि सितंबर-अक्टूबर में एक्सटेंडेड राउंड होंगे। दस्तावेज़ सत्यापन और समयसीमा का पालन जरूरी है।
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