जब हम शुभ मुहूर्त, ग्रहों की अनुकूल स्थिति को आधार बनाकर किया गया समय चयन. Also known as अवधि, it helps decide when किसी भी कार्य को शुरू करना सबसे फायदेमंद रहता है। इस पेज पर आप ऐसे टिप्स पाएँगे जो दैनिक जीवन, शादी-ब्याह, व्यापार या किसी विशेष घटना के लिए सही समय निर्धारित करने में मदद करेंगे।
शुभ मुहूर्त का मूल आधार ज्योतिष, ग्रहों की गति और उनके प्रभावों का अध्ययन है। ज्योतिषी पंचांग को देख कर यह तय करते हैं कि कौन‑से ग्रह कौन‑से भाव में हैं और उनका सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव क्या होगा। उदाहरण के लिए, यदि मंगल का प्रभाव उत्तम है तो ऊर्जा‑संबंधी कार्य और नए प्रोजेक्ट्स के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है। यही कारण है कि हमारे कई लेखों में ग्रह स्थितियों का उल्लेख मिलता है – चाहे वह क्रिकेट मैच का शुभ आरंभ हो या किसी नौकरी के लिए दस्तावेज़ तैयार करना।
एक और महत्वपूर्ण घटक है पंचांग, तालिकाबद्ध तिथि‑समय की जानकारी वाला ग्रंथ। पंचांग में तिथि, नक्षत्र, योग और करण जैसी चीज़ें दर्ज होती हैं, जो सीधे शुभ मुहूर्त के चयन में उपयोगी होती हैं। जब तिथि और नक्षत्र दोनों ही अनुकूल होते हैं, तो वह दिन "विजय‑योग" कहलाता है, जो नई शुरुआत के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। यही कारण है कि हमारे पोस्ट में अक्सर तिथि‑समय की विस्तृत जानकारी दी जाती है, जैसे 7‑8 सितंबर 2025 का रक्तचंद चंद्रग्रहण और उसका दृश्य समय।
ग्रहों की भूमिका को समझना जरूरी है, इसलिए ग्रह, सौर मंडल के प्रमुख पिंड जो ज्योतिष में विशेष प्रभाव डालते हैं को भी पहचानना चाहिए। प्रत्येक ग्रह का अपना स्वभाव और प्रभाव क्षेत्र होता है – बुध व्यापार और संचार को नियंत्रित करता है, शुक्र प्रेम और सौंदर्य से जुड़ा है, शनि अनुशासन और विलंब का प्रतीक है। जब इन ग्रहों की स्थिति स्थिर हो और कोई उल्टा (रहस्य) न हो, तो वह समय वास्तव में "शुभ" कहा जाता है। इसलिए जब आप किसी बड़े निर्णय को ले रहे हों, तो इन ग्रहों के वर्तमान होस्टल को चेक करना फायदेमंद हो सकता है।
इन सभी तत्वों को जोड़कर, हम शुभ मुहूर्त के लिए एक आसान फॉर्मूला तैयार कर सकते हैं: ग्रह स्थितियों की अनुकूलता + पंचांग में तिथि‑नक्षत्र का समर्थन = सबसे लाभदायक समय। इस सिद्धांत को लागू करके आप अपने जीवन के कई पहलुओं में सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं – चाहे वह शादी का बंधन हो, नई नौकरी का प्रस्ताव हो, या बड़े निवेश का फैसला। नीचे दी गई सूची में आप देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों में इस सिद्धांत का प्रयोग किया गया है, जैसे क्रिकेट में रणनीतिक राबा, व्यापार में शेयर मार्केट का एनालिसिस, या व्यक्तिगत जीवन में स्वास्थ्य‑संबंधी निर्णय। अब आगे पढ़िए और जानिए कि आपके लिए कौन‑सा शुभ मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
दिवाली 2025 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, लेकिन कुछ शहरों में 21 अक्टूबर को। लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 7:08 PM से 8:18 PM, राहुकाल 7:50 AM से 9:15 AM। ड्रिक पंचांग और ज्योतिषी के अनुसार विस्तृत समय।
आगे पढ़ेंनरक चतुर्दशी 2025 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा, दिल्ली में अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त 05:11‑06:24 है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के नरकासुर वध की स्मृति और यमराज की पूजा से जुड़ा है।
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