आजकल हर कोई कंपनी की कमाई, स्टॉक का उतार‑चढ़ाव या आर्थिक संकेतकों को देखता है। यही कारण है कि वित्तीय प्रदर्शन पर नज़र रखनी ज़रूरी है। अगर आप निवेशक हैं या बस जानना चाहते हैं कि बाजार में क्या चल रहा है, तो यहाँ मिलेंगे सबसे ताज़ा आँकड़े और आसान समझाने वाले विश्लेषण।
Q1 FY25 के दौरान भारत की बड़ी‑बड़ी कंपनियों ने अपनी सालाना योजना को दिखाया। रिलायंस ने पिछले तीन महीनों में 1.6 ट्रिलियन रुपये का टॉपलाइन रिकॉर्ड किया, जबकि आय में 12% वृद्धि रही। इन्फोसिस और टीसीएस दोनों ने क्रमशः 15% और 14% की राजस्व बढ़ोतरी बताई, जिससे आईटी सेक्टर को बहुत बूस्ट मिला। दूसरी ओर, डब्ल्यूआईपीरो ने थोड़ा कठिन माह देखा; उनका नेट प्रॉफिट पिछले क्वॉर्टर से 4% घटा।
शेयर‑बाजार की बात करें तो CDSL के शेयरों में NSDL के IPO की वजह से अल्पकालिक दबाव आया, लेकिन कंपनी के मजबूत डिपॉजिटरी व्यवसाय ने निवेशकों को भरोसा दिया। पिछले छह महीनों में CDSL का मार्केट कैप 33,747 करोड़ रुपये तक पहुँच गया और स्टॉक कीमतें 10% से अधिक बढ़ी। इस बीच, वोल्टास के शेयरों पर भी ध्यान है; विशेषज्ञों ने 2070 रुपये लक्ष्य रख कर खरीदारी की सलाह दी क्योंकि कंपनी की आय में निरंतर वृद्धि देखी गई है।
अगर आप इस क्वॉर्टर में अपने पोर्टफोलियो को सुरक्षित या बढ़ाना चाहते हैं, तो कुछ सरल कदम मदद करेंगे। सबसे पहले, ऐसी कंपनियों पर ध्यान दें जिनका कमाई निरंतर बढ़ रहा हो और बिज़नेस मॉडल स्थिर हो—जैसे रिलायंस, इन्फोसिस और टीसीएस। दूसरी बात, शेयर‑बाजार में अल्पकालिक हिचकिचाहट को देखते हुए स्टॉप‑लॉस सेट करना फायदेमंद रहता है; इससे अचानक गिरावट से बचा जा सकता है।
डिपॉजिटरी कंपनियों जैसे CDSL और NSDL में निवेश का एक फायदा यह है कि उनका व्यवसाय रेज़िलिएंट होता है—बाजार के उतार‑चढ़ाव पर भी उनकी कमाई स्थिर रहती है। इसलिए, यदि आप जोखिम को संतुलित करना चाहते हैं तो ऐसे सेक्टरों की हिस्सेदारी बढ़ा सकते हैं। साथ ही, वोल्टास जैसी नई ऊर्जा कंपनियों में दीर्घकालिक रिटर्न देखने को मिल सकता है; लेकिन हमेशा कंपनी के फंडामेंटल्स जाँचें और लक्ष्य कीमत से बहुत ऊपर न जाएँ।
अंत में, बाजार की खबरों पर रोज़ाना नजर रखें, खासकर जब बड़ी कंपनियों का क्वॉर्टर रिज़ल्ट आए। ऐसे अपडेट आपको जल्दी निर्णय लेने में मदद करेंगे और संभावित लाभ को अधिकतम बनाएंगे। याद रखिए—सही जानकारी, सही टाइमिंग और समझदारी से किए गए फैसले ही वित्तीय सफलता की कुंजी हैं।
Sharekhan के विश्लेषण के अनुसार, BSE का वित्तीय प्रदर्शन उत्तम होने की उम्मीद है, मुख्यतः इक्विटी डेरिवेटिव्स में वृद्धि और लेनदेन शुल्क में बढ़ोतरी के चलते। FY2024-2026 में राजस्व और आय में मजबूत वृद्धि की संभावना, हालांकि SEBI के नियामक कदम जोखिम प्रस्तुत करते हैं।
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