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Adani Power का 1:5 स्टॉक स्प्लिट लागू – शेयर कीमत में तकनीकी समायोजन, तरलता बढ़ेगी

Adani Power का 1:5 स्टॉक स्प्लिट लागू – शेयर कीमत में तकनीकी समायोजन, तरलता बढ़ेगी

स्टॉक स्प्लिट का कार्यान्वयन और प्रक्रिया

Adani Power Limited ने 22 सितंबर 2025 को अपने 1:5 स्टॉक स्प्लिट को आधिकारिक रूप से लागू किया। इस कदम से पहले, कंपनी ने अपने बोर्ड को 1 अगस्त को प्रस्ताव मंज़ूर किया और उसी दिन पोस्टल मतदान के माध्यम से शेयरधारकों से स्वीकृति ली। मतदान का समय 6 अगस्त सुबह 9 बजे से शुरू होकर 4 सितंबर शाम 5 बजे तक चला, और परिणाम नियामक फ़ाइलों में दिखाई देने के बाद पुष्टि हुआ।

स्प्लिट का मतलब है कि प्रत्येक Rs 10 वाले मौजूदा शेयर को पाँच नए Rs 2 के शेयरों में भाग दिया गया। अधिकार, वोटिंग पावर और कंपनियों के भीतर रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बदलाव के बाद शेयरों की कुल संख्या पाँच गुना हो गई, जबकि कुल बाजार पूंजी समान बनी रही।

बाज़ार पर प्रभाव और निवेशकों के लिए संकेत

स्प्लिट से पहले शुक्रवार को कंपनी का क्लोज़िंग प्राइस Rs 709.05 था। गणितीय रूप से 1:5 विभाजन के बाद प्राइस लगभग Rs 141.81 होना चाहिए। कई ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर कीमत में अचानक गिरावट दिख सकती है, लेकिन यह केवल तकनीकी समायोजन है, वास्तविक नुकसान नहीं। निवेशकों को इस बात को समझना ज़रूरी है कि उनका कुल निवेश मूल्य अपरिवर्तित रहता है – अब उनके पास पाँच शेयर होंगे, प्रत्येक का मूल्य पाँचवाँ भाग।

Adani Power ने इस कदम को तरलता बढ़ाने और शेयरों को छोटे खुदरा निवेशकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया है। पिछले कुछ वर्षों में समूह के अन्य कंपनियों – जैसे कि Adani Ports (2010) और Adani Enterprises (2004) – ने भी इसी तरह के विभाजन किए हैं, जिससे बाजार में पहलू बन गया है।

वित्तीय आँकड़ों की बात करें तो कंपनी ने जून 2025 तिमाही (Q1 FY26) में 15.5% की साल-दर-साल गिरावट दर्ज की। सम्मिलित शुद्ध लाभ Rs 3,305 करोड़ रहा, जबकि पिछले वर्ष इस अवधि में Rs 3,913 करोड़ था। ऑपरेशन्स से हुई आय भी 5.9% घटकर Rs 14,167 करोड़ हो गई, जो पिछले वर्ष Rs 15,052 करोड़ थी। इस गिरावट के बावजूद, कंपनी भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर प्रोड्यूसर बनी हुई है।

शेयरधारकों के पास अब 74.96% प्रमोटर कंट्रोल है, जबकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का हिस्सा 12.46% बना रहा। स्टॉक स्प्लिट से कंपनी की शेयरभांडार या रिज़र्व पर कोई प्रत्यक्ष असर नहीं पड़ेगा – यह केवल मौजूदा शेयरों का विभाजन है, नई इक्विटी जारी नहीं की गई।

रिकॉर्ड डेट के संबंध में, शेयरधारकों की स्वीकृति मिलने के बाद कंपनी ने इस तारीख को फाइनल किया। हालांकि, शुरुआती दिनों में कुछ ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म्स पर नई कीमत दिखाने में तकनीकी गड़बड़ियों की रिपोर्ट मिली, पर ये सामान्य रूप से जल्दी ठीक हो जाती हैं।

निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे शेयरों की कीमत में अचानक गिरावट को कानूनी या मौलिक कारण न मानें। स्प्लिट का मुख्य उद्देश्य बाजार में लिक्विडिटी बढ़ाना और शेयरों को छोटे निवेशकों के लिए सस्ते बनाना है, जिससे कंपनी के भविष्य के पूँजी जुटाने के विकल्पों में सुधार हो सकता है।

Adani Power स्टॉक स्प्लिट के बाद, बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर कंपनी अपनी मौजूदा पावर पोर्टफोलियो को सुधारती रहे और नई रिन्युएबल ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश करती रही, तो लिक्विडिटी में वृद्धि शेयरधारकों के लिए दीर्घकालिक लाभ लेकर आएगी।

Sukh Malik

Sukh Malik

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