अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी: 'पुष्पा 2' के अभिनेता हिरासत में, हैदराबाद में स्टांपिड से मची उथल-पुथल

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अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी: 'पुष्पा 2' के अभिनेता हिरासत में, हैदराबाद में स्टांपिड से मची उथल-पुथल

विस्तृत घटनाक्रम

तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल' के प्रीमियर के दौरान हैदराबाद के संध्या थिएटर में हुई घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। यह भयावह स्टांपिड 4 दिसंबर 2024 को हुई जब अर्जुन की फिल्म के लिए एक भारी भीड़ थिएटर के बाहर एकत्र हो गई। आलम यह हुआ कि इस अनियंत्रित भीड़ में एक 39 वर्षीय महिला, रेवती, की मृत्यु हो गई और उनका नौ वर्षीय पुत्र श्री तेज गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती है।

कैसे हुआ हादसा?

रेवती अपने पति भास्कर और बच्चों के साथ विशेष शो देखने पहुंची थीं। लेकिन जैसे ही अल्लू अर्जुन और उनकी सुरक्षा टीम दर्शनीय क्षेत्र में प्रवेश की कोशिश कर रही थी, भीड़ ने नियंत्रण खो दिया। नतीजतन यह अफरातफरी फैली और भीड़ नीचे के हिस्से में अनियंत्रित धक्का-मुक्की करने लगी। रेवती की मौके पर ही मौत हो गई और श्री तेज अस्पताल में जीवित रहने की कोशिश कर रहे हैं।

कानूनी प्रक्रिया और आरोप

हादसे के बाद आक्रोशित परिजनों ने अल्लू अर्जुन और उनकी सुरक्षा टीम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने चिक्काडपल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत के आधार पर BNS की धाराओं 105 और 118(1) के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपों में लापरवाही और भीड़ प्रबंधन में खामियां प्रमुख हैं। अर्जुन को उनके जुबली हिल्स स्थित घर से गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

न्यायालय की शरण

अल्लू अर्जुन ने गिरफ्तारी के बाद इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने का निर्णय लिया। उन्होंने पुलिस प्राथमिकी को निरस्त करने के लिए याचिका दायर की और सभी कानूनी कार्यवाही पर रोक की मांग की। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने अर्जुन को अंतरिम जमानत दे दी है।

थिएटर प्रशासन की भूमिका

थिएटर प्रशासन ने 2 दिसंबर को पुलिस से इस पर आयोजन को सुरक्षित रखने के लिए पुलिस बल की मांग की थी, जिसमें हीरो, हिरोइन रश्मिका मंदाना और वीआईपी के शामिल होने की बात की गई। फिर भी, पुलिस का कहना है कि उन्हें भीड़ नियंत्रण हेतु पूर्व सूचना नहीं दी गई थी।

प्रतिक्रिया और सांत्वना

इस दुर्घटना ने थिएटर प्रशासन, अभिनेता की टीम और पुलिस की क्षमता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आलोचनाएँ इनकी तैयारी की कमी और भीड़ प्रबंधन की नाकामी के कारण उभर कर आई हैं। इस बीच, अल्लू अर्जुन ने पीड़ित परिवार के लिए 25 लाख रुपये की अनुकंपा राशि की घोषणा की और मेडिकल खर्चों को उठाने का वादा किया। निर्देशक सुकुमार के साथ अर्जुन ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं और इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

10 टिप्पणि

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

14 दिसंबर, 2024 - 02:14 पूर्वाह्न

ये सब बकवास है। अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार करना बिल्कुल गलत है। भीड़ का जिम्मेदार कौन है? थिएटर वाले? पुलिस? या फिर उन लोगों जिन्होंने अपने बच्चे को भीड़ में ले आया? हर कोई दूसरे पर उंगली उठा रहा है।

अगर ये बात एक छोटे शहर में होती तो लोग इसे भूल जाते। पर अल्लू अर्जुन हैं ना? अब सबको नाटक करना पड़ रहा है।

pradipa Amanta

pradipa Amanta

15 दिसंबर, 2024 - 13:44 अपराह्न

इस बारे में कोई बात नहीं अर्जुन का बस बॉक्स ऑफिस चल रहा है और अब लोगों की मौत का बहाना बना रहा है अपनी फिल्म के लिए

chandra rizky

chandra rizky

15 दिसंबर, 2024 - 16:22 अपराह्न

हम सब इस घटना के लिए दुखी हैं। रेवती और श्री तेज के परिवार के लिए दिल से शोक।

लेकिन अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार करना न्याय से दूर है। ये एक त्रासदी है न कि कोई षड्यंत्र।

थिएटर वालों ने पुलिस को नोटिस दिया था लेकिन पुलिस ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया। अब सब अभिनेता को दोष दे रहे हैं। ये न्याय नहीं बल्कि भावनात्मक बदला है।

हमें अपने भावों को नियंत्रित करना सीखना होगा। अभिनेता भी इंसान हैं।

Rohit Roshan

Rohit Roshan

16 दिसंबर, 2024 - 22:25 अपराह्न

अगर ये घटना एक छोटे अभिनेता के साथ हुई होती तो क्या इतनी खबर होती? क्या पुलिस इतनी तेजी से गिरफ्तारी करती? क्या न्यायालय इतनी जल्दी जमानत देता?

ये सिर्फ फेमिंग का मामला है। और अब लोग अल्लू अर्जुन के खिलाफ आग बरसा रहे हैं।

मैं नहीं चाहता कि कोई बच्चा मरे। लेकिन इसका जवाब न्याय होना चाहिए न कि नाटक।

अगर भीड़ का नियंत्रण नहीं हुआ तो थिएटर के मालिकों को दोषी ठहराना चाहिए। अल्लू अर्जुन को नहीं। 😔

arun surya teja

arun surya teja

17 दिसंबर, 2024 - 00:47 पूर्वाह्न

इस घटना के बाद भारतीय सिनेमा के लिए एक नया मोड़ आया है। अभिनेताओं की सुरक्षा और दर्शकों की सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना अब एक जिम्मेदारी बन गया है।

हम अक्सर बड़े स्टार्स को देवता की तरह देखते हैं। लेकिन वे भी इंसान हैं।

पुलिस और थिएटर प्रशासन की लापरवाही को अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इस तरह की त्रासदियाँ दोबारा नहीं होनी चाहिए।

Jyotijeenu Jamdagni

Jyotijeenu Jamdagni

18 दिसंबर, 2024 - 18:56 अपराह्न

अर्जुन को गिरफ्तार करना बिल्कुल बेकार की बात है। ये तो ऐसा है जैसे बारिश में भीगने वाले को गिरफ्तार कर दो और बादलों को छोड़ दो।

थिएटर वालों ने पुलिस को नोटिस दिया था लेकिन पुलिस ने इसे इग्नोर कर दिया। अब अर्जुन को लाश का बोझ उठाना पड़ रहा है।

लोग इसे बॉलीवुड का नया नाटक समझ रहे हैं। लेकिन ये एक जिंदा इंसान की मौत है।

मैं तो बस चाहता हूँ कि श्री तेज ठीक हो जाए। बाकी सब बकवास है।

navin srivastava

navin srivastava

20 दिसंबर, 2024 - 01:50 पूर्वाह्न

ये सब बातें बकवास हैं। अल्लू अर्जुन जैसे लोग ही देश को बर्बाद कर रहे हैं। उनके लिए भीड़ बन जाती है और आम आदमी की जान जाती है।

हमारे देश में अब सिर्फ अभिनेता ही अहंकारी हैं। पुलिस भी उनके आगे झुक गई। ये न्याय नहीं ये भावुकता है।

अगर ये घटना एक आम आदमी के साथ हुई होती तो क्या इतना धमाका होता? क्या उच्च न्यायालय में याचिका दायर होती? नहीं। बस एक लाश दफन हो जाती।

इसलिए अल्लू अर्जुन को सजा देनी चाहिए। देश के लिए।

Aravind Anna

Aravind Anna

20 दिसंबर, 2024 - 04:27 पूर्वाह्न

अर्जुन को गिरफ्तार करना बिल्कुल गलत है और ये लोग जो उसके खिलाफ आवाज़ उठा रहे हैं वो बस फेमिंग का फायदा उठा रहे हैं।

थिएटर के प्रशासन ने पुलिस को नोटिस दिया था। अब वो भी बचने की कोशिश कर रहे हैं।

मैं नहीं चाहता कि कोई बच्चा मरे। लेकिन अर्जुन को दोषी ठहराना बेकार है।

हमें अपनी भीड़ को नियंत्रित करना सीखना होगा। अभिनेता को नहीं।

अगर ये घटना अब भी चलती रही तो अगली बार कोई अभिनेता भी नहीं आएगा। और फिर तुम्हारे बच्चे को क्या देखने को मिलेगा?

Rajendra Mahajan

Rajendra Mahajan

21 दिसंबर, 2024 - 09:03 पूर्वाह्न

इस घटना में कोई एक व्यक्ति दोषी नहीं है। ये एक सामाजिक विफलता है।

हमने अभिनेताओं को देवता बना दिया है। उनके लिए भीड़ बन जाती है। और जब भीड़ अनियंत्रित हो जाती है तो हम उस देवता को दोषी ठहरा देते हैं।

थिएटर प्रशासन ने पुलिस को नोटिस दिया था। पुलिस ने उसे नज़रअंदाज़ कर दिया।

हम अपने नागरिक जिम्मेदारी को भूल चुके हैं। अपने बच्चों को भीड़ में ले जाने की जिम्मेदारी कौन लेता है?

हम न्याय की बात कर रहे हैं। लेकिन न्याय के लिए पहले हमें अपने दिमाग को शांत करना होगा।

ANIL KUMAR THOTA

ANIL KUMAR THOTA

22 दिसंबर, 2024 - 19:02 अपराह्न

अर्जुन को गिरफ्तार करना बेकार है ये सब नाटक है थिएटर वाले और पुलिस दोषी हैं अर्जुन नहीं

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