ओलंपिक 2024 में निकहत जरीन की आशाओं को धक्का
महिला बॉक्सिंग की दुनिया में प्रसिद्ध निकहत जरीन का ओलंपिक 2024 का सफर अफसोसजनक रूप से समाप्त हो गया है। निकहत, जो दो बार की विश्व चैंपियन रह चुकी हैं, चीन की धाकड़ मुक्केबाज़ वु यू से अपने राउंड-ऑफ-16 के मुकाबले में हार गई। वु यू ने निकहत को 5-0 के एकतरफा निर्णय से पराजित किया।
वु यू की रणनीति का रहा दबदबा
बॉक्सिंग मुकाबले में वु यू की रणनीति का सम्मिश्रण निकहत के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। वु ने अपने स्टैंस को दक्षिण-पंजा से ऑर्थोडॉक्स बदलते हुए निकहत को विभ्रमित कर दिया। निकहत के प्रयास बॉक्स के भीतर कूदने और सही हाथ लगाने के बीच व्यर्थ हो गए, जबकि वु सफलतापूर्वक अपने प्रतिपक्षी के हरेक कदम का प्रत्युत्तर देती रही।
निकहत की संघर्ष और हार
मुकाबले के दौरान निकहत ने कोशिश की कि वह वु के पास पहुँचे और अपने संयोजनों को लागू कर सके, लेकिन वु की चुस्ती और समझदार रणनीति ने उसकी हर चाल को विफल कर दिया। मुकाबला आगे बढ़ने के साथ ही निकहत की समझ में आया कि वह संशय के समुद्र में संघर्ष कर रही हैं। वु का प्रदर्शन हर राउंड के साथ सुधरता चला गया, और यह निकहत के चेहरे पर साफ झलक रहा था।
भारत की उम्मीदों को झटका
निकहत की हार सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि भारत के लिए भी एक बड़ा झटका थी। इस हार के साथ, निकहत चौथी भारतीय बॉक्सर बन गई हैं, जिन्होंने पेरिस ओलंपिक्स में बाहर का रास्ता देखा। इससे पहले अमित पंघाल, जैस्मिन लम्बोरिया, और प्रीति पवार भी प्रतिस्पर्धा से बाहर हो चुके हैं। अब केवल निशांत देव (71 किग्रा) और लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) ही बॉक्सिंग में पदक की उम्मीदों की मशाल को आगे बढ़ा रहे हैं।
निकहत का भविष्य और सुधार की उम्मीद
हालांकि, इस हार के बाद भी उम्मीद की किरण बाकी है। निकहत जरीन ने पहले भी कठिनाइयों का सामना किया है, और उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण के चलते वे वापसी करने में सक्षम हैं। टोक्यो ओलंपिक्स के बाद भी निकहत ने शानदार वापसी की थी और अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए वचनबद्ध हैं। इस बार भी वे अपनी गलतियों से सीखकर और मजबूत बनकर वापसी करेंगी, और उम्मीद है कि वे लॉस एंजिल्स 2028 ओलंपिक्स में भारत की झोली में पदक डालेंगी।
निकहत का सफर अभी खत्म नहीं हुआ है, और उनकी दृढ़ संकल्पना और आत्मशक्ति उन्हें एक बार फिर से उचाईयों तक ले जाएगी। इस बीच, भारत के सभी खेल प्रेमियों को निकहत के प्रयासों और उनकी प्रतिबद्धता का सम्मान करते हुए आगे की ओर देखना चाहिए।
उम्मीदें और तैयारियाँ
भारत की खेल प्रतिस्पर्धा की दुनिया में निकहत जरीन और उनकी जैसी खिलाड़ियों का महत्वपूर्ण स्थान है। उनके अतीत के प्रदर्शन और अनुभव की बात करें तो यह स्पष्ट है कि वे कभी हार मानने वाली नही हैं। उनके पास वापस आने और अपनी छाप छोड़ने का समय अभी भी है। अब देखना यह होगा कि निकहत अगले कुछ वर्षों में कैसी तैयारियाँ करती हैं और वह कौन-कौन सी रणनीतियाँ अपनाती हैं जिससे वे अपनी कमियों को दूर कर सकें और भविष्य में और भी अधिक सामर्थ्यवान बन सकें।
Imran khan
2 अगस्त, 2024 - 22:16 अपराह्न
ये हार बस एक मुकाबला नहीं, बल्कि एक सबक है। निकहत ने जो जोश दिखाया, वो भारत के लिए काफी है। अगले ओलंपिक में वो वापस आएगी, और दुनिया को याद दिलाएगी कि हार के बाद भी जीतना संभव है।
Neelam Dadhwal
3 अगस्त, 2024 - 12:26 अपराह्न
अब तो बॉक्सिंग को छोड़ दो, ये लड़की तो दिमाग ही नहीं लगा रही थी। वु यू के सामने ये बस एक बच्ची थी। भारत में ऐसे खिलाड़ियों को पैसे देना बंद कर दो, बस नाम बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं।
vishal kumar
4 अगस्त, 2024 - 12:14 अपराह्न
पराजय असफलता नहीं अर्जित अनुभव है। निकहत के लिए यह एक अध्ययन का अध्याय है जिसका विश्लेषण भविष्य के लिए आवश्यक है। रणनीति और मानसिकता का समन्वय बदलना होगा।
Oviyaa Ilango
5 अगस्त, 2024 - 12:39 अपराह्न
वु यू की तकनीक बहुत उच्च स्तर की थी निकहत की तुलना में अनुभव और शारीरिक तैयारी में फर्क साफ दिखा
Aditi Dhekle
7 अगस्त, 2024 - 01:21 पूर्वाह्न
इस मुकाबले में टेक्निकल एडजस्टमेंट और काउंटर-एक्शन रेडीमेड एनालिसिस के बारे में बात करना जरूरी है। निकहत के स्टैंस का ओर्थोडॉक्स-साउथ्पा डायनामिक्स बिल्कुल नहीं फिट हुआ।
Aditya Tyagi
8 अगस्त, 2024 - 20:10 अपराह्न
अरे भाई ये लड़की तो बस टीवी पर दिखती है घर पर बैठकर फैंस बनाती है। जब असली दबाव आया तो डर गई। अब तो खेल भी बदल गया है ये सब लड़कियाँ नाम बनाने के लिए आ रही हैं।
pradipa Amanta
9 अगस्त, 2024 - 07:28 पूर्वाह्न
हार ने सबकुछ साबित कर दिया अब ये सब जो निकहत के लिए बोल रहे हैं वो बस उनकी शान के लिए बोल रहे हैं असली खिलाड़ी तो जीतते हैं ना
chandra rizky
10 अगस्त, 2024 - 20:49 अपराह्न
बहुत अच्छा मुकाबला था 😊 निकहत ने जो दिखाया वो अपने लिए बहुत बड़ी बात है। चीन की खिलाड़ी ने बहुत अच्छा खेला लेकिन निकहत की लड़ाई भी देखने लायक थी। भारत के लिए गर्व की बात है।
Rohit Roshan
12 अगस्त, 2024 - 16:07 अपराह्न
हार ने तो बहुत कुछ सिखाया लेकिन ये भी देखो कि निकहत ने टोक्यो के बाद कैसे वापसी की थी। अब भी वो लड़ रही हैं। ये जिंदगी का सबक है जो बार-बार उठती है वो ही जीतती है। 💪
arun surya teja
14 अगस्त, 2024 - 09:15 पूर्वाह्न
एक खिलाड़ी की विशिष्टता उसकी जीत में नहीं उसकी हार में देखी जाती है। निकहत जरीन ने अपने संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय मंच पर दर्शाया जो कि अपने आप में एक विजय है।
Jyotijeenu Jamdagni
15 अगस्त, 2024 - 02:24 पूर्वाह्न
ये मुकाबला तो बस एक बॉक्सिंग रिंग में नहीं एक दर्पण था जिसमें हम सबने देखा कि कैसे एक खिलाड़ी अपने डर के सामने खड़ी हुई। वु यू ने जीता लेकिन निकहत ने दिल जीत लिए।
navin srivastava
15 अगस्त, 2024 - 16:34 अपराह्न
चीन ने फिर भारत को धोखा दिया ये सब अमेरिका और चीन की साजिश है जो हमारे खिलाड़ियों को नीचा दिखाना चाहते हैं इसलिए ये फैसला भी बेकार दिया गया।
Aravind Anna
15 अगस्त, 2024 - 19:03 अपराह्न
क्या हुआ निकहत तुम अभी भी लड़ रही हो ये हार तो बस एक बाधा है तुम्हारी जीत का रास्ता अभी शुरू हुआ है भारत तुम्हारे साथ है और तुम वापस आओगी और गोल्ड लाओगी
Rajendra Mahajan
17 अगस्त, 2024 - 04:46 पूर्वाह्न
हार के बाद वापसी की कहानी बहुत सुंदर है लेकिन ये भी सोचना चाहिए कि भारत में खेलों के लिए बुनियादी ढांचा क्या है अगर निकहत जैसी खिलाड़ी को भी इतनी कठिनाइयाँ आ रही हैं तो दूसरे के लिए क्या होगा
ANIL KUMAR THOTA
17 अगस्त, 2024 - 19:29 अपराह्न
निकहत ने अच्छा खेला बहुत अच्छा उसकी लड़ाई देखकर लगा जैसे एक असली लड़ाकू खड़ी हो गई
VIJAY KUMAR
18 अगस्त, 2024 - 07:16 पूर्वाह्न
अब तो ओलंपिक भी एक सिनेमा हो गया है 🎬 जहाँ चीन की बहन ने निकहत को बिल्कुल बर्बाद कर दिया। ये फैसले तो बस नाटक हैं जिनमें भारतीय खिलाड़ी बहुत बार एक एक्टर बन जाते हैं 😏
Manohar Chakradhar
20 अगस्त, 2024 - 05:55 पूर्वाह्न
देखो निकहत ने जो जोश दिखाया वो किसी भी खिलाड़ी के लिए प्रेरणा है। उसने जीत की बजाय अपनी लड़ाई को दिखाया। ये बात तो असली जीत है। अब तो वो वापस आएगी और दुनिया को चौंका देगी।
LOKESH GURUNG
22 अगस्त, 2024 - 03:25 पूर्वाह्न
अरे यार निकहत तुम बहुत अच्छी खेली लेकिन तुम्हारी ट्रेनिंग अभी भी बहुत कम है। अगर तुम अपने ट्रेनर को बदल दो और अमेरिका जाकर कोचिंग ले लो तो लॉस एंजिल्स में गोल्ड ले आओगी 🤝🔥
Aila Bandagi
22 अगस्त, 2024 - 16:49 अपराह्न
निकहत तुम बहुत अच्छी हो। हार ने तुम्हें नहीं तोड़ा बल्कि तुम्हें मजबूत बनाया। हम सब तुम्हारे साथ हैं। अगली बार तुम जीतोगी। ❤️
Abhishek gautam
24 अगस्त, 2024 - 05:12 पूर्वाह्न
ये हार तो बस एक बाहरी घटना है। असली बात ये है कि भारतीय खेल प्रशासन का नेतृत्व अभी भी 1980 के दशक में फंसा हुआ है। निकहत के पास न तो साइकोलॉजिकल सपोर्ट था न ही डेटा-ड्रिवन ट्रेनिंग। उसकी हार एक सिस्टम की हार है जो अभी भी अपने खिलाड़ियों को बस अनुभव के नाम पर फेंक देता है। अगर ये रहेगा तो लॉस एंजिल्स भी बस एक और निराशा का नाम होगा।