हर रोज़ छोटे‑मोٹے चोटों का सामना होते हैं—स्कूल में गिरना, खेल के मैदान पर मोड़ लेना या रसोई में जलन। अक्सर हम सोचते हैं कि थोड़ी सी चोट है तो चल जाएगी, लेकिन सही कदम न उठाने से समस्या बढ़ सकती है। इस लेख में हम बताते हैं कि छोटी‑छोटी चोटों पर तुरंत क्या करना चाहिए, कब डॉक्टर को बुलाना ज़रूरी है और घर में जल्दी ठीक होने के आसान उपाय कौन‑से हैं। पढ़ते‑जाते आप खुद ही एक छोटा पहला मदद किट बना लेंगे जो किसी भी दुर्घटना में काम आएगा।
गर्दन, घुटना या हाथ पर खरोंच हो, सबसे पहले शांत रहें और घायल हिस्से को स्थिर करें। फिर साफ़ पानी से धीरे‑धीरे धोएँ—धूल या रसायनों को हटाने से संक्रमण कम होता है। अगर खून निकल रहा हो तो हल्के दबाव से कपड़ा या बैंडेज लगाएँ, लेकिन बहुत कसकर नहीं; रक्त प्रवाह बंद न हो।
अधिकांश कट‑जख्मों में बेकिंग सोडा या हाइड्रोजन पेरॉक्साइड की जरूरत नहीं होती—सिर्फ साफ़ पानी ही पर्याप्त है। अगर घाव गहरा है, तो डॉक्टर को दिखाने से पहले उसे ढक्कन वाली बैंडेज से ढँक कर रखें और एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएँ। यह दर्द कम करता है और सूजन घटाती है।
हर चोट को घर में ठीक नहीं किया जा सकता। नीचे दिये गए संकेतों पर तुरंत मेडिकल मदद लें: तेज़ रक्तस्राव जो 10‑15 मिनट में रुक न रहा हो, घाव का आकार 3 सेमी से बड़ा हो, या गहरी कट की वजह से टिश्यू (मांसपेशी/हड्डी) दिखाई दे। साथ ही अगर चोट के बाद अंग सुन्न हो जाए, मूवमेंट कठिन लगे या दर्द बहुत तीखा हो—इन सब पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
खासकर बच्चों और बुजुर्गों में छोटी‑छोटी चोटें जल्दी बड़ी समस्याओं में बदल सकती हैं क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कम होती है। इसलिए अगर बच्चे का पैर गिर गया या बुढ़ा व्यक्ति गिरते समय सिर पर चोट लगती दिखे, तो तुरंत एम्बुलेंस बुलाएँ या नज़दीकी अस्पताल जाएँ।
एक बार डॉक्टर से मिलें तो टिटनेस (टिटनस) वैक्सीन अपडेट करवाना न भूलें—खासकर अगर घाव गहरा हो और संक्रमण का खतरा बढ़ा हो। डॉक्टर एंटीबायोटिक की दवा लिख सकते हैं, जो संक्रमण को रोकती है और जल्दी ठीक होने में मदद करती है।
सारांश: चोट लगते ही साफ़ पानी से धोएँ, हल्के बैंडेज से दबाएँ, दर्द कम करने के लिए क्रीम लगाएँ, और ऊपर बताए गए संकेतों पर तुरंत डॉक्टर दिखाएँ। यह साधारण कदम आपको छोटे‑मोٹے चोटों से तेज़ी से ठीक होने में मदद करेंगे और भविष्य में बड़ी समस्याओं से बचाएंगे।
स्पेन की तीन बार की विश्व चैंपियन और रियो 2016 की स्वर्ण पदक विजेता कैरोलीना मारिन को पेरिस 2024 ओलंपिक खेलों में एक और दिल तोड़ने वाला झटका लगा। महिला एकल सेमीफाइनल मैच के दौरान मारिन को घुटने की चोट के कारण मैच छोड़ना पड़ा। मारिन का दृढ़ संकल्प और साहस प्रभावित करने वाला था।
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