जब आप ड्र. मनमोहन यादव, एक प्रसिद्ध चिकित्सक और सामाजिक टिप्पणीकार हैं. Also known as डॉ. मनमोहन यादव, वे स्वास्थ्य, राजनीति और आध्यात्मिकता के बीच जटिल कनेक्शन को सरल शब्दों में समझाते हैं।
उनके विश्लेषण में स्वास्थ्य, शारीरिक और मानसिक कल्याण से जुड़ी हर जानकारी को प्राथमिकता दी जाती है। चाहे वह रक्तचंद चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक पहलू हो या नरक चतुर्दशी के दौरान शारीरिक रखरखाव, डॉक्टर यादव हमेशा इस बात पर ज़ोर देते हैं कि शरीर और मन एक-दूसरे के साथ कैसे संवाद करते हैं।
राजनीति की बात करें तो राजनीति, सरकारी नीतियों और सार्वजनिक निर्णयों का समूह के हर बदलाव का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष असर पड़ता है। डॉक्टर यादव अक्सर इस संबंध पर टिप्पणी करते हैं कि कैसे नई शिक्षा नीति या बजट आवंटन सीधे रोग नियंत्रण और स्वास्थ्य अभियानों को प्रभावित करता है। उनका मानना है कि नीति‑निर्माताओं को वैज्ञानिक तथ्यों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए।
स्पोर्ट्स सगाई भी उनके फोकस में आती है। उदाहरण के तौर पर क्रिकेट, भारत के प्रमुख खेल और उसके खिलाड़ी में हुई चोटों और पुनरुत्थान प्रक्रिया पर वे विस्तृत राय देते हैं। यशस्वी जैसवाल या नारायण जगदीशन जैसी हस्तियों की परफॉर्मेंस को वह शारीरिक फिटनेस, डाइट और मनोवैज्ञानिक तैयारी के लेंस से देखते हैं। इस तरह खेल समाचार भी स्वास्थ्य के व्यापक परिप्रेक्ष्य में फिट हो जाता है।
आध्यात्मिकता के क्षेत्र में आध्यात्मिकता, धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं की समग्र समझ को वह विज्ञान के साथ जोड़ते हैं। नरक चतुर्दशी जैसे उत्सव में अभ्यंग स्नान या यमराज की पूजा को उन्होंने मनोवैज्ञानिक स्थिरता बढ़ाने वाले कारकों के रूप में बताया है। उनका तर्क है कि सही समय पर पूजा‑पाठ, सकारात्मक सोच और शरीर की स्वच्छता मिलकर समग्र स्वास्थ्य को सुदृढ़ करती है।
विज्ञान के क्षेत्र में अंतरिक्ष घटनाएँ भी चर्चा का भाग बनती हैं। रक्तचंद चंद्रग्रहण या सूर्यग्रहण के समय दिल की धड़कन, नींद पैटर्न और मानसिक तनाव कैसे बदलते हैं, इस पर डॉक्टर यादव ने कई बार विस्तृत व्याख्या की है। उनका कहना है कि ऐसे खगोलीय दृश्यों को न सिर्फ देखने की आवश्यकता है, बल्कि उनका वैज्ञानिक महत्व समझकर मन को शांति देना भी जरूरी है।
शिक्षा और रोजगार की खबरें भी उनके विश्लेषण में आती हैं। नई विश्वविद्यालयों का उद्घाटन, क़तर में उप‑केंद्र की स्वीकृति, या बीपीएससी परीक्षा परिणाम जैसी घटनाओं को वह युवा स्वास्थ्य, मानसिक तनाव और भविष्य की आर्थिक स्थिरता के दृष्टिकोण से देखते हैं। उनका मानना है कि शैक्षणिक माहौल का स्वस्थ होना छात्रों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
जब हम आर्थिक मार्केट की बात करते हैं, तो बाजार, स्टॉक मार्केट, सिक्योरिटीज़ और निवेश का क्षेत्र में गिरावट या उछाल का असर आम जनता के स्वास्थ्य बीमा, जीवनशैली और मानसिक तनाव पर पड़ता है। डॉक्टर यादव ने शेयर बाजार में तेज गिरावट को तनाव‑रक्तचाप जैसी समस्याओं से जोड़ा है और सलाह दी है कि आर्थिक अनिश्चितता के समय स्वस्थ जीवनशैली अपनाना चाहिए।
एक और रोचक बात यह है कि सामाजिक घटनाएँ जैसे लॉटरी या बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डॉक्टर यादव के विश्लेषण में शामिल है। जब हिमाचल प्रदेश ने लॉटरी छूटे को पुनः चालू किया, तो उन्होंने बताया कि अचानक बड़ी रकम की अपेक्षा लोगों के खर्च‑पैटर्न और मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर सकारात्मक‑नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
कुल मिलाकर, ड्र. मनमोहन यादव की कवरेज सिर्फ डॉक्टर की राय तक सीमित नहीं, बल्कि यह राजनीति, खेल, आध्यात्मिकता, विज्ञान और आर्थिक पहलुओं को जोड़ कर एक समग्र चित्र बनाती है। नीचे आप उन लेखों की सूची देखेंगे जहाँ उन्होंने अपनी विशेषज्ञता को विभिन्न घटनाओं पर लागू किया है, जिससे आप अपने रोज़मर्रा के फैसलों में बेहतर समझ और दिशा पा सकेंगे।
MPBSE ने 6 मई को 10वीं‑12वीं परिणाम घोषित किए, कुल पास प्रतिशत 88.4% और महिला पास दर 90.1% रही। डॉ. मनमोहन यादव ने ऑनलाइन जांच के लिए आधिकारिक पोर्टल की जानकारी दी.
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