जब बात इंडिया मीटिओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट, भारत का राष्ट्रीय मौसम विभाग, जो मौसम पूर्वानुमान, चेतावनी और जलवायु अनुसंधान करता है, Also known as IMD की हो, तो समझो कि देश के हर कोने में मौसम से जुड़ी जानकारी का केंद्र वही है। यह संस्थान रेड अलर्ट, सबसे तीव्र मौसम चेतावनी, जो अत्यधिक वर्षा या बाढ़ का संकेत देती है जारी कर सकता है, जिससे लोगों को जल्दी से तैयारी करने का समय मिल जाता है। इसी तरह भारी बारिश, मोटा वर्षा जो जलस्थलीय स्थितियों को बदल देती है और बाढ़, अधिक जल स्तर से उत्पन्न व्यापक जल क्षति के जोखिम पर भी विस्तृत जानकारी दी जाती है। मौसम विज्ञान की निगरानी करने के लिए IMD रेडार, सैटेलाइट और ग्राउंड स्टेशन जैसी तकनीकें इस्तेमाल करता है, जिससे तापमान, हवाओं और वर्षा की सटीक भविष्यवाणी संभव हो सके।
पिछले कुछ हफ्तों में IMD ने महाराष्ट्र, कंकण, विदरबा सहित कई राज्यों में इंडिया मीटिओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट के माध्यम से रेड अलर्ट और ऑरेंज अलर्ट जारी किए हैं। ये अलर्ट दर्शाते हैं कि अगले 72 घंटों में भारी बारिश, तेज़ हवाएँ और कभी‑कभी बिजली गिरने की संभावना है। जब रेड अलर्ट सक्रिय होता है, तो स्थानीय प्रशासन को आपातकालीन उपाय लागू करने की सलाह दी जाती है – जैसे निचले क्षेत्रों में पानी के निकास को साफ़ करना और सड़कों पर गीले हिस्सों से बचना। इसी दौरान तापमान में अचानक गिरावट भी देखी जा सकती है, क्योंकि ठंडी हवा और बादल बारिश को तेज़ कर देते हैं। सैटेलाइट डेटा की मदद से IMD ना केवल वर्षा की मात्रा, बल्कि उसकी गति और दिशा भी ट्रैक करता है, जिससे भविष्यवाणी में विश्वसनीयता बढ़ती है। इस तरह की चेतावनियों का सही समय पर उपयोग करने से जलपीड़ा, बाढ़ और जीवितियों को बचाया जा सकता है।
भारी बारिश के बाद अक्सर जलजमाव और निचले इलाकों में बाढ़ का खतऱा बढ़ जाता है। इस परिप्रेक्ष्य में IMD स्थानीय जलप्रवाह मॉडलिंग का प्रयोग करके संभावित बाढ़ क्षेत्रों की पहचान करता है और संबंधित अधिकारियों को तुरंत सूचना भेजता है। बाढ़ के जोखिम वाले गांवों में जल स्तर की निरंतर मॉनिटरिंग की जाती है, ताकि समय से पहले एवार्डिंग या बचाव कार्य शुरू किए जा सकें। इस प्रक्रिया में वास्तविक‑समय डेटा और ऐतिहासिक रिकॉर्ड दोनों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे भविष्य में समान स्थितियों के लिए तैयारी बेहतर होती है। यदि आप अपने क्षेत्र में संभावित बाढ़ के बारे में जानना चाहते हैं, तो IMD की साइट या मोबाइल ऐप पर रीयल‑टाइम चेतावनी देख सकते हैं।
वर्तमान मौसम पैटर्न सिर्फ वर्षा ही नहीं, बल्कि धूप और ठंड का भी मिश्रण हो सकता है। कई क्षेत्रों में मानसून के अंत के करीब होते हुए तापमान में उतार‑चढ़ाव स्पष्ट दिखता है, जिससे कृषि, यात्रा और दैनिक जीवन पर असर पड़ता है। IMD के कृषि मौसम विभाग द्वारा प्रदान किए गए विशेष पूर्वानुमान किसानों को बीज बोने या फसल कटाई की सही समय‑सारणी तय करने में मदद करते हैं। इसी तरह पर्यटन उद्योग के लिए मौसम जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है; हल्की बारिश के दिन हलचल कम होती है, जबकि तेज़ हवाओं वाले दिन समुद्री यात्रा जोखिम भरी हो सकती है। इस तरह के विस्तृत विश्लेषण को समझकर आप अपने कार्य‑योजना को बेहतर बना सकते हैं।
नीचे की लिस्ट में आपको इस टैग से जुड़ी नवीनतम खबरें और गहन विश्लेषण मिलेंगे – चाहे वह IMD की ताज़ा चेतावनियों की बात हो, या मौसम के व्यापक प्रभावों की चर्चा। इन लेखों को पढ़कर आप मौसम से जुड़ी हर छोटी‑बड़ी जानकारी तुरंत समझ सकते हैं और अपने आप को तैयार रख सकते हैं। आइए, आगे बढ़ते हैं और देखें कि आज के मौसम में क्या नया है।
दिल्ली ने सितंबर 2024 में 38.1 °C का अधिकतम तापमान दर्ज किया, जो दो साल में सबसे गर्म दिन बन गया। दक्षिणपश्चिमी मानसून की जल्दी निकासी ने इस असामान्य गर्मी को बढ़ावा दिया।
आगे पढ़ें