भारत में हर साल वित्तीय बजट के साथ कर कानूनों में कई बदलाव आते हैं। 2025 की शुरुआत से कुछ बड़े बदलाव लागू हो रहे हैं, जिससे आम आदमी को थोड़ा घबराहट महसूस हो सकती है। लेकिन अगर आप सही जानकारी रखें तो नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए कठिन नहीं होगी। इस लेख में हम सबसे जरूरी पॉइंट्स को आसान भाषा में समझेंगे – स्लैब बदलना, छूट बढ़ाना, रिटर्न फाइल करने के नए तरीके और कुछ बचत टिप्स।
सबसे पहले बात करते हैं स्लैब की। अब 2.5 लाख तक का टर्नओवर वाले लोग पूरी तरह से कर मुक्त रहेंगे, यानी कोई भी टैक्स नहीं लगेगा। इससे पहले यह सीमा 2 लाख थी। अगले स्लैब में 2.5 लाख से 7.5 लाख के बीच आय पर 5 % की दर लगती है, जबकि 7.5 लाख से 12.5 लाख तक 10 % और उससे ऊपर 15 % टैक्स देना होगा। यह बदलाव छोटे व्यवसायियों और फ्रीलांसरों को काफी राहत देगा।
साथ ही कुछ विशेष आय जैसे पूँजीगत लाभ, शॉर्ट‑टर्म कैपिटल गैन्स पर भी नई दरें लागू होंगी। अगर आप शेयर या म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करते हैं तो अब 10 % टैक्स की बजाय 12.5 % देना पड़ेगा, लेकिन केवल तभी जब आपका वार्षिक लाभ 1 लाख से अधिक हो।
नई व्यवस्था में सेक्शन 80C की सीमा भी बढ़ा कर 2 लाख कर दी गई है। यानी आप जीवन बीमा, PPF, ELSS आदि में कुल मिलाकर इस राशि तक निवेश करके टैक्स बचा सकते हैं। इसके अलावा सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अब 30,000 रुपये तक की डिडक्शन मिलती है, जबकि पहले यह सीमा 25,000 थी।
अगर आप घर का लोन ले रहे हैं तो ब्याज की डिडक्शन भी बढ़ा कर 3 लाख तक दी गई है, जिससे गृहस्वामियों को काफी फायदा होगा। इन बदलावों को सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए साल की शुरुआत में ही अपने निवेश योजना बनाना बेहतर रहेगा।
एक और ध्यान देने योग्य बात यह है कि अब टैक्स रिटर्न फाइल करते समय ऑनलाइन वैलीडेशन प्रक्रिया तेज़ हो गई है। आप आयकर पोर्टल पर लॉगिन करके एक क्लिक में सभी दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं, और सिस्टम अपने‑आप आपके फ़ॉर्म को प्री‑फ़िल कर देगा। अगर कोई त्रुटि होगी तो तुरंत नोटिफिकेशन मिलेगा, जिससे सुधार आसान रहेगा।
अब सवाल अक्सर आता है – क्या पुरानी टैक्स रिटर्न फाइलिंग सॉफ़्टवेयर्स अभी भी काम करेंगे? जवाब हाँ, लेकिन अपडेटेड वर्ज़न डाउनलोड करना जरूरी है। कई ऐप्स ने नई स्लैब और डिडक्शन को शामिल कर दिया है, इसलिए आप बिना किसी परेशानी के अपनी फ़ाइल जमा कर सकते हैं।
अंत में एक छोटा टिप: अगर आपका टर्नओवर 10 लाख से कम है तो आप वैकल्पिक टैक्स रेज़ीमेंट (AT) योजना का उपयोग कर सकते हैं, जिससे साल भर की टैक्स पेमेंट आसान हो जाती है और देर‑बाद जुर्माना नहीं लगता। बस याद रखें कि यह विकल्प सिर्फ उन लोगों के लिए है जिनकी आय स्थिर रहती है और बड़े निवेश नहीं किए होते।
नया टैक्स सिस्टम जटिल लग सकता है, लेकिन अगर आप ऊपर बताए गए मुख्य पॉइंट्स को ध्यान में रखेंगे तो आपका टैक्स फाइलिंग तनाव‑मुक्त हो जाएगा। बजट के बाद हर साल सरकार नई चीज़ें पेश करती है, इसलिए इस साल की अपडेटेड जानकारी को याद रखें और समय पर योजना बनाएं। आपके वित्तीय स्वास्थ्य के लिए यही सबसे बड़ी बचत होगी।
वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट 22 या 23 जुलाई 2024 को पेश होने की संभावना है। करदाताओं को नए टैक्स सिस्टम के तहत राहत की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकार मध्यम वर्गीय परिवारों की खपत बढ़ाने पर ध्यान दे सकती है। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने, निवेश आधारित कटौती और करदाताओं को टैक्स सिस्टम बदलने में अधिक लचीलापन देने की भी संभावना है।
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