शेयर विभाजन: आसान समझ और निवेश के सही कदम

आपने शायद समाचार में "शेयर विभाजन" के हेडलाइन देखी होंगी। लेकिन असल में यह क्या होता है और निवेशक के लिए क्यों महत्वपूर्ण है? चलिए, बिना जटिल शब्दों के, इसमें घुसते हैं।

शेयर विभाजन के मुख्य कारण

कंपनियां अक्सर शेयर विभाजन करती हैं जब उनके शेयरों की कीमत बहुत महंगी हो जाती है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कंपनी के शेयर का भाव ₹2,000 हो गया, तो नई निवेशक के लिए उसे खरीदना कठिन लग सकता है। ऐसे में कंपनी मौजूदा शेयरों को छोटे-छोटे हिस्सों में बांट देती है, जैसे 1:10 या 1:5 के अनुपात से। इससे शेयर की कीमत घटकर ₹200 या ₹400 हो जाती है, जबकि कंपनी का कुल market cap वैसा ही रहता है।

दूसरा कारण है तरलता बढ़ाना। छोटे-छोटे शेयर अधिक लोगों को खरीदने का अवसर देते हैं, जिससे ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ता है और स्टॉक अधिक आकर्षक बनता है। कभी-कभी कंपनी का लक्ष्य अपने शेयर को इंडेक्स में शामिल करना भी होता है, जिसको अक्सर कीमत की सीमा की जरूरत होती है।

शेयर विभाजन के बाद क्या करें?

विभाजन के बाद आपका शेयर संख्या बढ़ जाती है लेकिन आपकी कुल निवेश राशि नहीं बदलती। अगर आपके पास 10 शेयर थे, और कंपनी ने 1:5 विभाजन किया, तो अब आपके पास 50 शेयर होंगे, लेकिन कुल मूल्य वही रहेगा। इस समय दो चीजें ध्यान में रखें:

  • कीमत में बदलाव देखिए: शेयर की नई कीमत घटेगी, इसलिए यदि आप ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो नई कीमत पर ऑर्डर देना चाहिए।
  • टैक्स इम्पैक्ट: भारत में शेयर विभाजन को टैक्स रहने नहीं दिया जाता। ये सिर्फ संख्यात्मक बदलाव है, इसलिए पूँजी लाभ पर कोई नया टैक्स नहीं लगता।

पोर्टफोलियो में असर देखना आसान है। अगर आपके पास बड़ी मात्रा में शेयर हैं, तो विभाजन के बाद आप देनदारियों या मार्जिन कॉल से बचेंगे, क्योंकि शेयर की कीमत नीचे आती है। लेकिन याद रखें, शेयर विभाजन से कंपनी के मूलभूत मूल्यों में कोई बदलाव नहीं होता। इसलिए, यदि कंपनी का प्रॉफ़िट, डिविडेंड या बिजनेस मॉडल कमजोर है, तो विभाजन से उसका मूल्य नहीं बढ़ेगा।

एक और टिप: विभाजन की घोषणा अक्सर कंपनी के प्रेसेन्टेशन या क्वार्टरली रिपोर्ट में आती है। ऐसी सूचनाओं को नियमित रूप से देखें, ताकि आप जल्दी से तैयारी कर सकें। शेयर ब्रोकर की वेबसाइट या NSE/BSE के आधिकारिक पोर्टल पर भी नोटिफिकेशन मिलते हैं।

अंत में, शेयर विभाजन को एक अवसर के रूप में देखें, न कि निवेश का कारण। यदि कंपनी का बिजनेस मॉडल मजबूत है, तो विभाजन आपको अधिक लोगों को शेयर खरीदने में मदद करता है, जिससे स्टॉक का मूल्य दीर्घकालिक में बढ़ सकता है। लेकिन हमेशा कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें, सिर्फ कीमत के इन्ब्लिंग पर नहीं।

तो, अब जब आप शेयर विभाजन को समझ गए हैं, तो अपने पोर्टफोलियो को चेक करें, आने वाले संभावित विभाजन की खबरों पर नजर रखें और समझदार निवेशकर बनें।

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22 सितंबर 2025 को Adani Power ने 1:5 के अनुपात में शेयर विभाजन आधिकारिक तौर पर लागू किया। प्रत्येक Rs 10 के शेयर को पांच Rs 2 के शेयरों में बदल दिया गया, जिससे कीमत लगभग Rs 141.81 तक गिर गई। यह कदम शेयरों की तरलता बढ़ाने और छोटे निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उठाया गया, जबकि कंपनी ने हाल के तिमाही में राजस्व व लाभ में गिरावट दर्ज की।

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