Category: आर्थिक समाचार

वोल्टास के शेयर खरीदने की सलाह: जानिए 2070 रुपये के लक्ष्य का कारण

मोतीलाल ओसवाल ने वोल्टास के शेयर खरीदने की सलाह दी है, जिसका लक्ष्य मूल्य 2070 रुपये निर्धारित किया गया है। कंपनी के मजबूत तिमाही परिणामों के चलते यह सलाह दी गई है। कंपनी की आय और लाभ में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसके अलावा, वोल्टास का एसी और रेफ्रिजरेशन सेगमेंट में 21% बाजार हिस्सेदारी है।

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भारत की वास्तविक GDP वृद्धि की दर 5.4% तक गिरी: त्रैमासिक संकेत

भारत की वास्तविक GDP वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 5.4% तक गिर गई। यह गिरावट उपभोक्ता मांग में कमी और विनिर्माण व खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण हुई है। यह सात तिमाहियों में सबसे धीमी वृद्धि दर है, जिससे देश की आर्थिक दिशा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

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नॉर्दर्न आर्क कैपिटल के शेयर बीएसई और एनएसई पर 33.50% प्रीमियम पर सूचीबद्ध

नॉर्दर्न आर्क कैपिटल ने शेयर बाजार में धमाकेदार शुरुआत की। कंपनी के शेयर बीएसई पर ₹593 और एनएसई पर ₹592.95 पर सूचीबद्ध हुए, जो कि उनके जारी मूल्य ₹444 से 33.50% प्रीमियम पर है। आईपीओ को 4.01 गुना सब्सक्राइब किया गया था।

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फेडरल रिजर्व बैठक: वर्षों बाद ब्याज दर में कटौती के नजदीक

फेडरल रिजर्व की सितंबर बैठक का इंतजार पूरी वित्तीय दुनिया कर रही है। निवेशक और अर्थशास्त्री यह जानने को बेताब हैं कि फेडरल रिजर्व की नई नीति क्या होगी। क्या ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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बजट 2024 लाइव स्ट्रीमिंग: मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट कहां और कब देखें?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला केन्द्रीय बजट 2024 कई प्लेटफॉर्म्स पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। यह बजट भाषण 23 जुलाई, 2024 को सुबह 11:00 बजे संसद भवन में होगा। यह मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट है और इसमें नई पेंशन प्रणाली और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसी घोषणाएं हो सकती हैं। प्रमुख बजट दस्तावेज़ अंग्रेजी और हिंदी में indiabudget.gov.in पर उपलब्ध होंगे।

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बजट 2024: नए टैक्स सिस्टम के तहत करदाताओं को क्या उम्मीदें हैं?

वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट 22 या 23 जुलाई 2024 को पेश होने की संभावना है। करदाताओं को नए टैक्स सिस्टम के तहत राहत की उम्मीद है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि सरकार मध्यम वर्गीय परिवारों की खपत बढ़ाने पर ध्यान दे सकती है। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने, निवेश आधारित कटौती और करदाताओं को टैक्स सिस्टम बदलने में अधिक लचीलापन देने की भी संभावना है।

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