हर साल मौसमी बदलाव से कई जगहों पर भारी बूँदाबाँदी आती है, जो सड़क‑ट्रैफिक, खेती‑बाड़ी और रोज़मर्रा की जिंदगी को सीधे प्रभावित करती है। इस टैग पेज में हम आपको सबसे नई बारिश‑से जुड़ी खबरें, मौसम का अंदाज़ा और घर‑घर में अपनाए जाने वाले सरल सुरक्षा कदम दे रहे हैं। पढ़िए और तैयार रहें।
जब लगातार तेज़ बारिश आती है तो निचली इलाकों में जलजमाव जल्दी हो जाता है, जिससे सड़कें फिसलन भरी बनती हैं और गाड़ी चलाना जोखिमपूर्ण हो जाता है। किसान अपनी फ़सल को बचाने के लिये अतिरिक्त पानी निकालने या ढाल बनाने की कोशिश करते हैं, पर अक्सर नुकसान नहीं रोका जा पाता। स्कूल‑कॉलेज भी अस्थायी तौर पर बंद होते हैं क्योंकि जलभराव से सुरक्षा खतरे बढ़ते हैं।
शहरी क्षेत्रों में बाढ़ का जोखिम खासकर निचले स्तर के इलाकों में रहता है। घर की नींव में पानी seepage होने से फर्श गीला हो जाता है, जिससे दंग्री और फफूँद जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं तो अपने घर की सीढ़ियों और दरवाज़े के नीचे सैंडबैग रख कर शुरुआती बचाव कर सकते हैं।
1. स्थानीय मौसम अपडेट चेक करें: हर सुबह और शाम अपने मोबाइल पर मौसम ऐप या सरकारी डाटा देखिए। अगर चेतावनी जारी है तो बाहर जाने से बचें।
2. सड़क यात्रा योजना बदलें: भारी बारिश में तेज़ गति वाले वाहनों से बचें, क्योंकि ब्रेकिंग दूरी बढ़ जाती है। यदि संभव हो तो सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट या कार‑पूलिंग चुनें।
3. घर के चारों ओर जलरोधक तैयार रखें: दरवाज़े और खिड़की पर रबर की पट्टियां लगाएँ, पानी रिसाव को रोकने के लिये बेसमेंट में पंप या बैकअप जेनरेटर रखिए।
4. आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक उपचार किट, कुछ स्नैक्स और पानी का बोतल हमेशा हाथ के पास रखें। बिजली कट जाने पर ये चीज़ें काम आएँगी।
5. बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखें: उन्हें बाहर खेलने या यात्रा करने से पहले मौसम की स्थिति बताएं, और अगर पानी बढ़ रहा हो तो घर में ही रहने को कहें।
6. सड़क पर गड्ढे और बहते जल का ध्यान रखें: यदि आप ड्राइव कर रहे हैं तो तेज़ गति कम करें, पहियों को गड़बड़ या धारा की दिशा से बचाते हुए चलाएँ। अचानक ब्रेक लगाने से फिसलन हो सकती है।
भारी बारिश के दौरान जानकारी रखना सबसे बड़ा हथियार है। स्थानीय समाचार चैनलों, रेडियो और ऑनलाइन पोर्टलों पर लगातार अपडेट देखें। अगर आप किसी बड़े शहर में रहते हैं तो निकटतम बचाव शिविर या सामुदायिक केंद्र की लोकेशन भी नोट कर लें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पहुँच सकें।
अंत में यह याद रखें कि बारिश खुद में प्राकृतिक सुंदरता लाती है, लेकिन जब वह अत्यधिक हो जाए तो सावधानी बरतना ज़रूरी है। इस पेज को बुकमार्क करके आप हमेशा नवीनतम रिपोर्ट और सुरक्षा टिप्स तक पहुंच सकते हैं। सुरक्षित रहें और अपनी कम्युनिटी के साथ मिलकर इस मौसम का सामना करें।
यूपी के 39 जिलों में तेज बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। गोरखपुर समेत पूर्वी क्षेत्र में मानसून एक्टिव है। तापमान 33 से 42 डिग्री के बीच है और लगातार बारीश की आशंका बनी हुई है। लोग सतर्क रहें, मौसम बिगड़ सकता है।
आगे पढ़ेंदिल्ली एनसीआर में भारी बारिश के कारण इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 की छत का एक हिस्सा गिर गया। इस घटना में कम से कम चार लोग घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के तुरंत बाद तीन दमकल वाहन मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया।
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